Mukteshwar
Hartola
Natadol
Dhanachuli
Himalayan Peaks
Kainchi Dham - Neem Karoli Baba
Jageshwar Dham
August 16, 2024 4 min read
भीमताल-नैनीताल क्षेत्र, अपनी सुंदरता और झीलों के लिए प्रसिद्ध, पिछले कुछ वर्षों में अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है। इस क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने और इसके प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने के लिए उत्तराखंड सरकार ने मास्टर प्लान और नियम तैयार किए हैं।
भीमताल क्षेत्र के लिए मौजूदा मास्टर प्लान 2011 में स्वीकृत किया गया था, जिसे उत्तराखंड के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना में भूमि उपयोग, भवनों की ऊंचाई, और निर्माण-संबंधी गतिविधियों के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश और जोनिंग नियम शामिल हैं, ताकि क्षेत्र का विकास सतत और पर्यावरण के अनुकूल हो।
मास्टर प्लान के प्रमुख बिंदु:
जोनिंग नियम: मास्टर प्लान में क्षेत्र को विभिन्न जोन में विभाजित किया गया है, जैसे कि आवासीय, वाणिज्यिक, कृषि, और पारिस्थितिक-संवेदनशील क्षेत्र। प्रत्येक जोन में निर्माण के प्रकार और सीमा के लिए विशिष्ट नियम होते हैं। उदाहरण के लिए, भीमताल झील और अन्य जल निकायों के आस-पास के क्षेत्र पारिस्थितिक-संवेदनशील जोन में आते हैं, जहां पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए निर्माण पर सख्त प्रतिबंध होते हैं।
भवन उप-नियम: इस योजना में भवनों की ऊंचाई, संरचनाओं के बीच की दूरी, और भूमि के कितने प्रतिशत पर निर्माण किया जा सकता है, इसके बारे में उप-नियम शामिल हैं। अधिकांश क्षेत्रों में भवनों की ऊंचाई को सीमित रखा गया है ताकि क्षेत्र की सौंदर्यात्मक अपील बनी रहे और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों में बाधा न आए।
झीलों के पास निर्माण पर प्रतिबंध: मास्टर प्लान में भीमताल झील और अन्य जल निकायों के आस-पास निर्माण गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य झीलों को प्रदूषण, सिल्टेशन और अन्य प्रकार की पर्यावरणीय क्षति से बचाना है। झील के निश्चित क्षेत्र के भीतर निर्माण या तो प्रतिबंधित है या कठोर शर्तों के तहत ही अनुमति दी जाती है, जो पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव सुनिश्चित करती हैं।
भूमि उपयोग नीतियां: योजना में कृषि भूमि और वन क्षेत्रों के संरक्षण पर जोर दिया गया है। कृषि भूमि को गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए बदलने पर प्रतिबंध है, और ऐसी कोई भी परिवर्तनशीलता संबंधित अधिकारियों की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती। इसका उद्देश्य अनियंत्रित शहरीकरण को रोकना और क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है।
उत्तराखंड का टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग वर्तमान में भीमताल और नैनीताल सहित कई क्षेत्रों के मास्टर प्लान को अद्यतन करने पर काम कर रहा है। नए मास्टर प्लान में आधुनिक शहरी नियोजन सिद्धांतों को शामिल करने की संभावना है, जिसमें सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण पर अधिक जोर दिया जाएगा।
भविष्य के मास्टर प्लान में संभावित अद्यतन:
पारिस्थितिक-संवेदनशील जोनिंग का विस्तार: नए योजनाओं में झीलों और जंगलों के आसपास के पारिस्थितिक-संवेदनशील क्षेत्रों का विस्तार करने और निर्माण और भूमि उपयोग पर और भी सख्त नियम लागू करने की संभावना है। इससे क्षेत्र के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को और भी बेहतर संरक्षण मिलेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, नए योजनाओं में सड़कों, सीवेज सिस्टम और कचरा प्रबंधन जैसी आवश्यक बुनियादी ढांचों के विकास के लिए भी प्रावधान शामिल होने की संभावना है। इससे बढ़ती जनसंख्या और पर्यटन उद्योग की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा, जबकि पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम रखा जाएगा।
पर्यावरणीय पर्यटन का प्रोत्साहन: भविष्य की योजनाओं में पर्यावरणीय पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सतत पर्यटन प्रथाओं के दिशा-निर्देश विकसित करने की संभावना है। इसमें पर्यावरण के अनुकूल आवास और गतिविधियों का विकास शामिल हो सकता है, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
सार्वजनिक भागीदारी: नए मास्टर प्लान के लिए योजना प्रक्रिया में अधिक सार्वजनिक भागीदारी शामिल हो सकती है, जिससे स्थानीय निवासी और हितधारक अपने क्षेत्र के भविष्य के विकास में अपनी आवाज उठा सकें। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि योजनाएं स्थानीय समुदाय की जरूरतों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं, जबकि पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों का पालन किया जाता है।
हाल के महीनों में, इस क्षेत्र के पर्यावरण पर निर्माण गतिविधियों के प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं, खासकर भीमताल झील के आसपास। रिपोर्ट्स में झील में सिल्टेशन जैसी समस्याओं का उल्लेख किया गया है, जो जलग्रहण क्षेत्रों में अनियमित निर्माण के कारण बढ़ रही है। भीमताल बांध की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं उठी हैं, जिसमें खराबी के संकेत दिखने के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है【6†source】【7†source】【8†source】।
इन चिंताओं ने उत्तराखंड सरकार को झील के आसपास निर्माण गतिविधियों पर और भी सख्त नियम लागू करने और बांध की सुरक्षा की समीक्षा करने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा, झील को आगे की पर्यावरणीय क्षति से बचाने के लिए ड्रेजिंग और अन्य उपायों पर भी चर्चा की गई है।
भीमताल-नैनीताल क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है, जिसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना आवश्यक है। मौजूदा मास्टर प्लान सतत विकास के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करता है, लेकिन उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर अपडेट और नियमों का सख्त पालन करना आवश्यक है। भविष्य के मास्टर प्लान, जो पर्यावरणीय-संवेदनशील जोनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, और सार्वजनिक भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हैं, एक संतुलित विकास दृष्टिकोण का वादा करते हैं, जो पर्यावरण और स्थानीय आबादी दोनों का सम्मान करता है।
अधिक विस्तृत जानकारी के लिए, आप उत्तराखंड के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं: Town & Country Planning Department Uttarakhand
September 10, 2024 5 min read
September 10, 2024 2 min read
August 16, 2024 2 min read
Excellent Opportunity to find rare commercial property in Kainchi Dham at Neem Karoli Baba Ashram. Only For 3.8 Cr.